गाजियाबाद। कांवड़ यात्रा 2025 को लेकर गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस ने सुरक्षा और सुविधाओं की तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस वर्ष यात्रा को सुरक्षित, सुगम और तकनीकी रूप से अधिक सक्षम बनाने के लिए पुलिस ने कई अहम कदम उठाए हैं। यात्रा 10 जुलाई से आरंभ होगी, जिसमें लाखों शिवभक्त गंगाजल लेकर हरिद्वार से अपने गंतव्य की ओर रवाना होंगे।
इस बार दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को वनवे किया जाएगा और 25 ड्रोन, 3,000 CCTV कैमरे, 50 वॉच टावर, LED स्क्रीन, दिशा-सूचक बोर्ड, और पब्लिक एड्रेस सिस्टम जैसी सुविधाएं यात्रा मार्ग पर सक्रिय रहेंगी।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे रहेगा वनवे
यात्रा के दौरान 10 जुलाई से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को वनवे कर दिया जाएगा। यह निर्णय कांवड़ियों की संख्या और उनके आवागमन की सहजता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इसके साथ ही रूट डायवर्जन के हर पॉइंट से 100 मीटर पहले से दिशासूचक बोर्ड लगाए जाएंगे, ताकि किसी प्रकार की अफरा-तफरी न हो।
LED स्क्रीन और रूट मैप की सुविधा
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि यात्रा मार्ग के पांच प्रमुख केंद्रों और दूधेश्वरनाथ मंदिर पर बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी।
इन स्क्रीन पर कांवड़ियों को दिखेगा:
रूट मैप
पास के शौचालय
शिविर
एंबुलेंस
पुलिस चौकी
कंट्रोल रूम लोकेशन
स्क्रीन कंट्रोल रूम से जुड़ी होंगी, और यात्रा मार्ग की लाइव निगरानी के लिए भी इनका उपयोग होगा।
ड्रोन और CCTV से होगी डिजिटल निगरानी
पूरे कांवड़ मार्ग और मुख्य मंदिर स्थलों पर 25 ड्रोन लगाए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त 3,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी एक्टिव रहेंगे।
निगरानी के लिए कंट्रोल रूम को 24x7 ऑपरेशनल रखा जाएगा।
50 वॉच टावर: दूरबीन और आधुनिक हथियारों से लैस
यात्रा मार्ग पर 50 जगह वॉच टावर बनाए जा रहे हैं, जहां से पुलिसकर्मी दूरबीन, ड्रैगन लाइट, वीडियो कैमरा, एंटी रायट गन व अन्य अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होकर निगरानी करेंगे। वॉच टावर ऐसे स्थानों पर होंगे जहां से लंबी दूरी तक नजर रखी जा सके।
सुरक्षा में तैनाती:
700 यातायात पुलिसकर्मी
2,500 सामान्य पुलिस बल
2 कंपनी पीएसी
107 पुलिस चौकियों पर विशेष तैनाती
प्रत्येक चौकी पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया जाएगा
भोजन व ठेले वालों को नियमबद्ध संचालन
कांवड़ मार्ग पर खुली दुकानों, ठेले वालों को:
नेम प्लेट
रेट लिस्ट चस्पा करना अनिवार्य होगा
फूड सेफ्टी विभाग द्वारा निरीक्षण किया जाएगा
शिविर लगाने से पहले लेनी होगी अनुमति
सभी शिविरों को क्षेत्रीय थाना स्तर पर पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है
शिविरों में सेवादारों का सत्यापन होगा
खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी रखी जाएगी
बिना अनुमति कोई शिविर नहीं लगाया जा सकेगा