बेसिक शिक्षा की योजनाओं का शुभारंभ | पाठकराज
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लखनऊ, 26 मई 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोक भवन में बेसिक शिक्षा विभाग की कई प्रमुख योजनाओं का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का मुख्य लक्ष्य हर विद्यालय में शिक्षकों की अनिवार्य उपस्थिति और बेहतर शिक्षक-छात्र अनुपात सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, “जहां शिक्षक होंगे, वहीं छात्र भी आएंगे। शिक्षक केवल पढ़ाने का कार्य नहीं करता, वह राष्ट्र का भविष्य गढ़ता है।” सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश में कई विद्यालयों में शिक्षक अधिक हैं लेकिन छात्र कम, वहीं कई स्कूलों में छात्र अधिक हैं और शिक्षक नहीं। ऐसे मामलों में संतुलन बनाने के लिए उन्होंने निर्देश दिए कि शिक्षकों की तैनाती विद्यालय की वास्तविक जरूरतों के अनुसार की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सुधारों के पहले चरण में कुछ विरोध हो सकता है, लेकिन जब सकारात्मक परिणाम आएंगे तो सब शांत हो जाएगा।
निपुण प्लस और बीएड छात्रों को जोड़ने की योजना
मुख्यमंत्री ने ‘निपुण प्लस स्पॉट असेसमेंट योजना’ की शुरुआत की, जिससे छात्रों की शैक्षणिक प्रगति को त्वरित मूल्यांकन के माध्यम से ट्रैक किया जा सकेगा। साथ ही बीएड और एमएड कर रहे छात्रों को ‘निपुण आकलन कार्यक्रम’ से जोड़ने का भी आह्वान किया, ताकि वे विद्यालयों में हो रहे बदलावों से परिचित हो सकें। इसके लिए एक सप्ताह का प्रशिक्षण और प्रोफार्मा तैयार करने के निर्देश दिए गए।
1200 करोड़ की डीबीटी, मॉडल स्कूलों की सौगात
मुख्यमंत्री ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को यूनिफॉर्म, जूते-मोजे, स्कूल बैग और स्टेशनरी की खरीद के लिए ₹1200 की धनराशि डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खातों में ट्रांसफर की। इसके तहत 1200 करोड़ रुपये सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से:
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43 सीएम मॉडल कंपोजिट विद्यालयों का शिलान्यास
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66 अभ्युदय विद्यालयों का शिलान्यास
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139 उच्चीकृत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के नए भवनों व छात्रावासों का लोकार्पण भी किया।
हर विधानसभा में एक मॉडल विद्यालय की योजना
सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश के हर जिले में दो मॉडल कंपोजिट विद्यालय खोले जा रहे हैं जिन्हें 25 करोड़ की लागत से अटल आवासीय विद्यालयों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। भविष्य में हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक मॉडल विद्यालय खोलने की योजना है, जिसमें प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 तक की शिक्षा एक ही परिसर में दी जाएगी।