वृद्धाश्रम के बाहर समाज कल्याण की टीम | पाठकराज
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नोएडा। राज्य महिला आयोग और समाज कल्याण विभाग की सक्रियता के बाद सुर्खियों में आए नोएडा के एक वृद्धाश्रम से जुड़े मामले में शनिवार को ट्रस्ट्री अमरवीर सिंह ने सामने आकर अपना पक्ष रखा। उन्होंने आश्रम पर लगे सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए दावा किया कि संस्था पूरी तरह से सरकारी मानकों के तहत पंजीकृत और वैध है।
“सरकारी रजिस्ट्रेशन है, संचालन पूरी तरह वैध”
प्रेस वार्ता में ट्रस्ट्री अमरवीर सिंह ने बताया कि वृद्धाश्रम को उत्तर प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल कल्याण विभाग से 2026 तक वैध रजिस्ट्रेशन प्राप्त है। उन्होंने कहा,
“हम पुरुष और महिला दोनों को रखने के लिए अधिकृत हैं। बिना लाइसेंस के संचालन का सवाल ही नहीं उठता।”
वायरल वीडियो को बताया साजिश
कुछ दिन पहले एक महिला बुजुर्ग के हाथ बंधे होने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद वृद्धाश्रम पर सवाल उठने लगे थे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमरवीर सिंह ने कहा,
“वीडियो एक साजिश के तहत ट्विटर पर वायरल किया गया। इसे टैग कर फैलाया गया, ताकि हमारी छवि को नुकसान पहुंचे। हम नहीं जानते इसके पीछे किसका इरादा क्या है, पर हमारा उद्देश्य सिर्फ समाज सेवा है।”
2.5 लाख जमा कराने को लेकर दी सफाई
वृद्धाश्रम में 2.5 लाख रुपये अग्रिम जमा कराने के आरोपों पर ट्रस्टी ने कहा कि यह रकम आपातकालीन चिकित्सा और विशेष देखभाल के लिए ली जाती है।
“यह राशि पूरी तरह रिफंडेबल है। यदि इसका उपयोग नहीं होता तो बुजुर्गों या उनके परिजनों को वापस कर दी जाती है। सभी सहमति-पत्र लिखित रूप में लिए जाते हैं।”
बुजुर्गों और परिजनों ने किया समर्थन
प्रेस कांफ्रेंस में आश्रम में रहने वाले कुछ बुजुर्ग और उनके परिजन भी मौजूद थे। उन्होंने आरोपों को गलत बताया और कहा कि जहां कुछ बुजुर्गों को शिफ्ट किया गया है, वहां सुविधाओं की भारी कमी है।
“यहां हमें समय पर दवा, खाना और देखभाल मिलती है, वहां ऐसा कुछ नहीं है,” – एक बुजुर्ग परिजन ने कहा।
समाज कल्याण विभाग की टीम ने की दस्तावेज़ जांच
प्रेस वार्ता के तुरंत बाद सिटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई में समाज कल्याण विभाग की टीम वृद्धाश्रम पहुंची। टीम ने सभी दस्तावेजों की जांच की और वहां रह रहे बुजुर्गों से भी बातचीत की।
पिछले दो दिनों में
राज्य महिला आयोग की टीम ने वृद्धाश्रम में निरीक्षण किया था।
तीन बुजुर्गों को दनकौर स्थित आश्रम में शिफ्ट किया गया।
सूत्रों के अनुसार, बाकी बुजुर्गों को भी स्थानांतरित किया जा सकता है।
संस्थान की सीलिंग की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं।
प्रशासनिक कार्रवाई जारी
नोएडा प्रशासन के मुताबिक,
“फिलहाल वृद्धाश्रम के रजिस्ट्रेशन और संचालन से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। यदि किसी भी स्तर पर नियमों का उल्लंघन सामने आता है, तो सख्त कार्रवाई होगी।”