गांव में देर रात पुंची स्थानीय विधायक | पाठकराज
पाठकराज
कानपुर, 10 जून। सजेती थाना क्षेत्र के कोटरा गांव में एक किसान ने पुलिस की कथित प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। पत्नी से घरेलू विवाद की शिकायत पर पुलिस ने न सिर्फ उसे बेरहमी से पीटा, बल्कि ₹20,000 की रिश्वत की मांग भी की। रिश्वत न दे पाने की स्थिति में पुलिस के लगातार दबाव से परेशान होकर 42 वर्षीय जीत कुमार उर्फ जीतू निषाद ने सोमवार शाम फंदा लगाकर जान दे दी। घटना के बाद ग्रामीणों और परिजनों ने पुलिस के खिलाफ आक्रोश जताया और शव उठाने से इनकार कर दिया।
पत्नी से झगड़े पर पुलिसिया दमन
मूल रूप से सूरत में नौकरी करने वाले जीत कुमार कुछ समय से गांव में था। बीती 4 जून को पत्नी सुमन से विवाद के बाद सुमन ने गांव के पुलिस सहायता केंद्र में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि केंद्र पर तैनात दो उपनिरीक्षकों ने जीत को बुलाकर ₹20,000 की मांग की और पैसे न देने पर बुरी तरह पीटा। जीत ने किसी तरह गेहूं बेचकर ₹5,000 जुटाए और पुलिस को दिए, लेकिन बाकी राशि के लिए लगातार प्रताड़ित किया गया।
फांसी पर लटका मिला शव, गांव में उबाल
सोमवार शाम जीत का शव उसके कमरे में फांसी से लटका मिला। जब तक परिजन दरवाजा तोड़कर पहुंचे, उसकी मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस को ग्रामीणों के तीव्र विरोध का सामना करना पड़ा। लोग मौके पर उच्चाधिकारियों को बुलाने की मांग पर अड़े रहे।
विधायक ने लिया संज्ञान, डीसीपी से जांच की मांग
घटना की सूचना पर स्थानीय विधायक सरोज कुरील देर रात मौके पर पहुंचीं। उन्होंने डीसीपी को फोन कर तत्काल जांच के आदेश देने को कहा। विधायक के हस्तक्षेप के बाद ही देर रात डीसीपी गांव के लिए रवाना हुए। जीत की पत्नी झगड़े के बाद मायके चली गई थी। उसके पिता रामकिशोर गांव के प्रधान हैं। परिजनों ने आरोप लगाया है कि प्रधान ने पुलिस से साठगांठ कर जीत को फंसाया और प्रताड़ित कराया।
ग्रामीण बोले – लूट का अड्डा है पुलिस सहायता केंद्र
ग्रामीणों ने पुलिस सहायता केंद्र पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यह केंद्र अब न्याय का नहीं, बल्कि वसूली का अड्डा बन चुका है। लोगों को झूठे मामलों में फंसाकर पैसे ऐंठे जाते हैं। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि 10 दिन पहले गांव के एक अन्य युवक भोला ने भी आत्महत्या की थी, जिसे पुलिस प्रताड़ना से जोड़ा जा रहा है। मृतक के पिता रमेश निषाद ने मांग की है कि दोनों आरोपित पुलिसकर्मियों पर हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए। वहीं, ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।