Wednesday, June 11, 2025 03:33:52 AM

विवादित वीडियो वायरल
दारोगा और दीवान का भोजपुरी गाने पर डांस का वीडियो वायरल, एसपी ने दिए जांच के आदेश

उत्तर प्रदेश के देवरिया में पुलिसकर्मियों का नृत्य करते हुए वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे एक निजी पार्टी में भोजपुरी गीत पर नाचते दिखे।

देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद में पुलिस विभाग से जुड़ा एक विवादास्पद वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक दारोगा और दीवान को निजी पार्टी में भोजपुरी गीत की धुन पर ठुमके लगाते हुए देखा जा सकता है। यह वीडियो सोमवार को सामने आया और पूरे दिन सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना रहा।

वायरल वीडियो के संबंध में बताया जा रहा है कि यह घटना एकौना थाना क्षेत्र के पचलड़ी गांव की है। वीडियो में देखा जा सकता है कि रात के समय किसी दावत या निजी समारोह में डीजे बज रहा है और कई लोग नृत्य कर रहे हैं। इस दौरान पुलिस विभाग के दो अधिकारी – एक दारोगा और एक दीवान – भी मंच पर पहुंचते हैं और मशहूर भोजपुरी गीत "त पतरे कमरिया जिनगी भर रही ए राजा जी..." पर नृत्य करना शुरू कर देते हैं।

विशेष रूप से ध्यान देने वाली बात यह है कि दारोगा ने अपनी कमर में सरकारी पिस्टल भी खोंसी हुई थी, जबकि दोनों अधिकारी वर्दी में नहीं, मगर स्पष्ट रूप से पुलिसकर्मी प्रतीत हो रहे हैं।

 

अनुशासन पर उठे सवाल

वीडियो में अधिकारियों के हाथ हवा में उठाकर थिरकने और अन्य युवकों के साथ नृत्य में लिप्त होने की छवियां सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। वीडियो को देखने के बाद आमजन और पूर्व पुलिस अधिकारियों के बीच पुलिस अनुशासन और मर्यादा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

पुलिस विभाग, जो आमतौर पर सख्त अनुशासन और गरिमा के लिए जाना जाता है, उसमें तैनात अधिकारियों द्वारा इस तरह सार्वजनिक रूप से डांस करना विभागीय मर्यादा के विपरीत माना जा रहा है।

 

एसपी का बयान और जांच के निर्देश

देवरिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विक्रांत वीर ने वायरल वीडियो को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा:

"वायरल वीडियो की जांच कराई जा रही है। प्रथम दृष्टया यह अनुशासनहीनता का मामला प्रतीत हो रहा है। जांच पूरी होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।"

 

सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं

जहां कुछ लोग इसे "मानवीय पहलू" के रूप में देख रहे हैं और कहते हैं कि "पुलिसकर्मी भी इंसान हैं", वहीं ज्यादातर यूज़र्स इस कृत्य को वर्दी और पद की गरिमा के विरुद्ध बता रहे हैं। कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने सवाल उठाया कि क्या ड्यूटी पर रहने वाले अधिकारी सरकारी हथियार के साथ इस तरह सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं?


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