नई दिल्ली, 21 जून 2025 — अगर आप दिल्ली मेट्रो से नियमित रूप से सफर करते हैं, तो किसी न किसी से जेब कटने की कहानी ज़रूर सुनी होगी। दुर्भाग्यवश, ये सिर्फ कहानियां नहीं हैं, बल्कि तेजी से बढ़ती हकीकत बन चुकी हैं। दिल्ली मेट्रो में चोरी और पॉकेटमारी के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, और इनमें सबसे बड़ी भूमिका निभा रहे हैं महिला पॉकेटमार गिरोह।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रो में पकड़े गए पॉकेटमारों में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की होती है। इन महिलाओं को ज्यादातर महाराष्ट्र और आस-पास के क्षेत्रों से आने वाला बताया गया है। वे 2 से लेकर 15 लोगों के समूह में काम करती हैं और आमतौर पर भीड़भाड़ वाले समय और जगहों पर सक्रिय रहती हैं।
190 स्टेशनों का डेटा, 32 चिन्हित "अतिसंवेदनशील" स्टेशन
दिल्ली पुलिस द्वारा 190 मेट्रो स्टेशनों से एकत्र किए गए डेटा के आधार पर, 32 स्टेशनों को अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है। इनमें शामिल हैं:
कश्मीरी गेट
राजीव चौक
सीलमपुर
आनंद विहार
कालकाजी
इन स्टेशनों पर चोरी, उत्पीड़न और अन्य अपराधों की घटनाएं सबसे ज्यादा दर्ज की गई हैं।
किन यात्रियों को बनाते हैं निशाना?
CISF और दिल्ली पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि ये गिरोह कुछ खास यात्रियों को प्राथमिकता से निशाना बनाते हैं:
जिनके पास भारी सामान होता है
जो कॉल पर व्यस्त होते हैं
जो विदेशी नागरिक या एनआरआई होते हैं
जो पहली बार मेट्रो में सफर कर रहे होते हैं
महिला गैंग की पहचान और तरीके
इन महिलाओं की कार्यशैली काफी सुनियोजित और मनोवैज्ञानिक होती है:
वे पहले यात्रियों पर नजर रखती हैं
फिर ट्रेन में उनके आस-पास मंडराती हैं
बातचीत में उलझाकर या ध्यान भटकाकर काम करती हैं
कई बार कोई भावनात्मक या झूठी कहानी गढ़ती हैं, ताकि आप सतर्क न रहें