दिवंगत डॉ. सुशील चौधरी | पाठकराज
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नोएडा। नोएडा के सेक्टर-26 स्थित आई केयर हॉस्पिटल एंड पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट के संस्थापक चेयरमैन और प्रख्यात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुशील चौधरी का बुधवार सुबह निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे और लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके निधन से चिकित्सा जगत खासकर नेत्र चिकित्सा क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
1942 में जन्मे डॉ. सुशील चौधरी ने चिकित्सा जगत में अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने 1990 के दशक में आईकेयर हॉस्पिटल की नींव रखी, जो आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नेत्र देखभाल का प्रमुख केंद्र बन चुका है। उनकी सोच और नेतृत्व में यह संस्थान अत्याधुनिक तकनीकों, विशेषज्ञ चिकित्सकों और सेवा भाव के साथ लाखों मरीजों को विश्वस्तरीय नेत्र चिकित्सा उपलब्ध कराता रहा है।
समाज सेवा में भी अग्रणी रहे
डॉ. चौधरी केवल एक चिकित्सक नहीं थे, वे समाजसेवी और दृष्टिकोण बदलने वाले नेता भी थे। उन्होंने समय-समय पर नि:शुल्क नेत्र शिविरों का आयोजन कर हजारों गरीब व वंचितों को बेहतर दृष्टि प्रदान की। उन्होंने उत्तर भारत में नेत्र चिकित्सा को सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में अतुलनीय योगदान दिया।
संस्थान और समाज में बना रहेगा उनका प्रभाव
आईकेयर हॉस्पिटल के निदेशक मंडल ने उनके निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए कहा कि “डॉ. सुशील चौधरी एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व थे, जिन्होंने नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांति ला दी। उनकी विरासत हमारे संस्थान और समाज में हमेशा जीवित रहेगी।”
सोशल मीडिया पर दी श्रद्धांजलि
उनके निधन की खबर फैलते ही नोएडा और आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई। कई गणमान्य व्यक्ति, सहकर्मी, छात्र और मरीजों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया। डॉ. चौधरी अपने पीछे पत्नी और एक पुत्र को छोड़ गए हैं।