Friday, June 13, 2025 06:54:10 PM

हार्ट सेंटर में लापरवाही
बीके अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट से इलाज, एफआईआर दर्ज: मरीजों की जान से खिलवाड़ का आरोप

फरीदाबाद के बीके नागरिक अस्पताल में फर्जी डॉक्टर द्वारा मरीजों का इलाज किया गया था। इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।

बीके अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट से इलाज एफआईआर दर्ज मरीजों की जान से खिलवाड़ का आरोप
बीके अस्पताल | पाठकराज
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फरीदाबाद। जिले के प्रतिष्ठित बीके नागरिक अस्पताल में चल रहे हार्ट सेंटर में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। अस्पताल में जनरल फिजिशियन डॉ. पंकज मोहन शर्मा को कार्डियोलॉजिस्ट की नौकरी दिलाकर मरीजों का इलाज कराए जाने पर पुलिस ने मेडिट्रीना हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड की मैनेजमेंट समेत 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

मामला तब सामने आया जब असली डॉ. पंकज मोहन ने शिकायत कर बताया कि उनके नाम और पंजीकरण नंबर का दुरुपयोग करके एक अन्य व्यक्ति मरीजों का इलाज कर रहा है। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी डॉक्टर के दस्तावेज फर्जी हैं।

किन-किन लोगों पर दर्ज हुई FIR?

एसजीएम नगर थाना में दर्ज एफआईआर में जिन लोगों को नामजद किया गया है, उनमें शामिल हैं:

डॉ. एन प्रताप कुमार – सीएमडी, मेडिट्रीना हॉस्पिटल प्रा. लि.

दलीप नायर – एचआर हेड, कॉर्पोरेट

पीयूष श्रीवास्तव – फाइनेंस मैनेजर व सेंटर हेड

अजय शर्मा – सेंटर हेड, हरियाणा

मंदीप – सेंटर हेड, बीके अस्पताल

डॉ. पंकज मोहन शर्मा – फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट

 

 

शिकायतकर्ता का आरोप: मौत के सौदागर बने अस्पताल प्रबंधन

अधिवक्ता संजय गुप्ता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बताया कि आरोपी डॉक्टर ने एनएमसी रजिस्ट्रेशन नंबर 2456 दिखाकर खुद को एमबीबीएस, एमडी और डीएनबी (कार्डियोलॉजी) योग्य बताया, लेकिन राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड से जांच करने पर यह डिग्री फर्जी निकली। शिकायत में कहा गया है कि 3 मरीजों की मौत इसी फर्जी इलाज के चलते हुई है।

 

फर्जी डॉक्टर का दोहरा चेहरा: फिल्म कंपनी का डायरेक्टर भी

जांच में सामने आया कि आरोपी ने ‘क्षितिज मोहन’ नाम से फेसबुक प्रोफाइल बना रखी है और वह ‘पेंसूस प्रोफेशनल्स प्राइवेट लिमिटेड’ नामक फिल्म निर्माण कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत है।

 

CMO-PMO पर भी उठे सवाल, जानकारी के बावजूद चुप्पी

शिकायतकर्ता का दावा है कि अस्पताल प्रशासन, सीएमओ व पीएमओ को इस फर्जीवाड़े की जानकारी थी, लेकिन कार्रवाई करने की बजाय मामले को दबा दिया गया। पुलिस को सीएमओ कार्यालय से मिले दस्तावेजों की पुष्टि में डिग्री फर्जी साबित हुई।

 

पहले से दर्ज हैं कई एफआईआर

मेडिट्रीना हॉस्पिटल प्रा. लि. पहले भी कई गंभीर आरोपों में घिर चुकी है:

FIR 470/2022 – लापरवाही का मामला (SGM नगर थाना)

FIR 20/2024 – भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB)

FIR 22/2025 – महिला कर्मचारी का यौन उत्पीड़न (महिला थाना NIT)

अंबाला कैंट थाने में 2 अन्य मामले

हार्ट सेंटर में अनट्रेंड कर्मचारी द्वारा इको कार्डियोग्राफी रिपोर्ट फर्जी तरीके से बनाई जा रही थी, यह भी पुलिस जांच में सामने आ चुका है। इस मामले में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया है: धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61(2), 125


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