Wednesday, July 16, 2025 04:04:55 AM

बच्चे को करंट, हाथ गंवाए
करंट लगने से झुलसे 7 वर्षीय बच्चे के दोनों हाथ काटने पड़े, बिजली विभाग के SDO-JE समेत 4 पर FIR

उत्तर प्रदेश के नोएडा में बिजली के तारों की लापरवाही से सात वर्षीय तैमूर को अपने दोनों हाथ गंवाने पड़े। पुलिस ने बिजली विभाग के 4 अधिकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में FIR दर्ज की।

करंट लगने से झुलसे 7 वर्षीय बच्चे के दोनों हाथ काटने पड़े बिजली विभाग के sdo-je समेत 4 पर fir
ब्रेकिंग | पाठकराज
पाठकराज

नोएडा। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के अच्छेजा बुजुर्ग गांव में दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई है, जहां एक सात वर्षीय मासूम बच्चे तैमूर को करंट लगने के बाद अपने दोनों हाथ गंवाने पड़े। इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में बिजली विभाग के एसडीओ, जेई समेत चार लोगों के खिलाफ पुलिस ने गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है।

 

क्या है मामला?

घटना 22 मई 2025 की है। नौशाद अली का बेटा तैमूर अपने घर की छत पर खेल रहा था, तभी ऊपर से गुजर रही 11,000 वोल्ट की हाई वोल्टेज लाइन की चपेट में आ गया। झुलसे तैमूर को आनन-फानन में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि दोनों हाथों में गंभीर रूप से जलन है और इंफेक्शन बढ़ने से उन्हें काटना जरूरी हो गया।

 

बिजली विभाग की लापरवाही का आरोप

परिवार ने आरोप लगाया है कि बिजली के तार बहुत नीचाई से गुजर रहे थे और इसे हटवाने के लिए बिजली विभाग को कई बार शिकायत दी गई थी। लेकिन न तो तार हटाए गए और न ही किसी प्रकार की चेतावनी दी गई। परिवार का आरोप है कि अगर समय रहते कदम उठाया गया होता तो यह दर्दनाक हादसा टाला जा सकता था।

 

FIR में नामजद अधिकारी

थाना प्रभारी निरीक्षक मुनेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार देर रात दर्ज शिकायत के आधार पर दनकौर बिजलीघर के एसडीओ, जेई और दो अन्य कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पुलिस का कहना है कि मामले की विधिवत जांच शुरू कर दी गई है और बिजली विभाग से भी रिपोर्ट तलब की जाएगी।

 

तैमूर का संघर्ष, परिवार की पीड़ा

छोटा तैमूर अब दोनों हाथों से वंचित एक लंबी और कठिन पुनर्वास यात्रा पर है। परिवार भावुक होकर कहता है कि “हमने कई बार विभाग को चिट्ठी दी, मगर किसी ने सुध नहीं ली। अब हमारे बेटे की पूरी जिंदगी अंधकारमय हो गई है।”

 

प्रशासन पर उठे सवाल

यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बिजली लाइन सुरक्षा को लेकर प्रशासनिक लापरवाही किस हद तक गंभीर परिणाम ला सकती है। सुरक्षा मानकों की अनदेखी, जनहित की उपेक्षा और शिकायतों के प्रति उदासीन रवैया ने एक मासूम को जिंदगीभर की सजा दे दी।

 

अब आगे क्या?

प्रशासन ने जांच का आदेश दिया है

परिवार को आर्थिक सहायता और पुनर्वास की मांग पर अभी कोई जवाब नहीं

बिजली विभाग से जवाबदेही तय होने की उम्मीद


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