Friday, June 06, 2025 11:15:59 PM

दिल्ली पुलिस की मालखाने से चोरी
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में करोड़ों की चोरी: जिसने देश के दुश्मनों को पकड़ा, वही निकला सबसे बड़ा दोषी

दिल्ली की एंटी टेरर यूनिट के मालखाने से करोड़ों रुपये और सोना चोरी हो गया। इस चोरी के पीछे एक अंदरूनी सदस्य के होने का शक है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में करोड़ों की चोरी जिसने देश के दुश्मनों को पकड़ा वही निकला सबसे बड़ा दोषी
साकेतिक तस्वीर | पाठकराज
पाठकराज

नई दिल्ली: देश की राजधानी में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट स्पेशल सेल खुद सवालों के घेरे में आ गई है। जिस यूनिट की जिम्मेदारी देशभर में आतंकी नेटवर्क और संगठित अपराध पर लगाम लगाने की है, उसी यूनिट के लोधी कॉलोनी स्थित मुख्यालय में मालखाने से करोड़ों रुपये नकद और सोना चोरी हो गया। यह वही जगह है, जहां पुलिस द्वारा जब्त की गई संपत्ति (केस प्रॉपर्टी) को अदालत के आदेश तक सुरक्षित रखा जाता है।


 

चोरी का मास्टरमाइंड निकला 'अंदर का आदमी'

दिल्ली पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की तो शक की सुई सबसे पहले एक पुराने हेड कांस्टेबल खुर्शीद पर जाकर रुकी। खुर्शीद पहले इसी स्पेशल सेल के मालखाने में तैनात था, हालांकि अब उसका ट्रांसफर ईस्ट दिल्ली में हो चुका था। जांच में सामने आया कि उसने ट्रांसफर का फायदा उठाते हुए दोबारा लोधी कॉलोनी यूनिट में एंट्री ली और चोरी को अंजाम दिया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, खुर्शीद ने कबूल कर लिया है कि चोरी उसी ने की है। अब तक 50 लाख रुपये नकद और बड़ी मात्रा में सोना बरामद किया जा चुका है। लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं होता – शक है कि चोरी गई रकम इससे कहीं ज़्यादा है। पुलिस खुर्शीद से पूछताछ कर रही है ताकि बाकी चुराई गई संपत्ति का पता चल सके।


 

पुलिस की प्रणाली पर बड़ा सवाल

यह घटना न सिर्फ स्पेशल सेल की साख पर बड़ा सवाल खड़ा करती है, बल्कि पुलिस प्रणाली की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर चिंता जताती है। जिस मालखाने में कोर्ट ट्रायल तक सबूत और संपत्तियां सुरक्षित रखी जाती हैं, वहां से इतनी आसानी से चोरी होना दर्शाता है कि अंदरूनी मॉनिटरिंग और ट्रैकिंग में भारी चूक है।


 

मामला क्यों गंभीर है?

स्पेशल सेल आतंकवाद, ड्रग्स, गैंगस्टर नेटवर्क जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच करती है।

मालखाना कोर्ट ट्रायल के लिए बेहद अहम होता है – यहां से कोई भी सबूत गायब होना केस को कमजोर कर सकता है।

खुर्शीद जैसे कर्मचारी की अंदरूनी पहुंच बताती है कि सुरक्षा सिर्फ बाहर से नहीं, अंदर से भी खतरे में है।


 

अब क्या?

दिल्ली पुलिस ने खुर्शीद से बरामदगी कर ली है, लेकिन यह मामला अब लोकल चोरी का नहीं बल्कि सिस्टम की खामी का सबूत बन गया है। पुलिस अधिकारियों के लिए यह एक सवाल नहीं, चेतावनी है – कि जब भीतर बैठे लोग ही भरोसा तोड़ दें, तो जांच एजेंसियों की मजबूती कैसे कायम रखी जा सकती है?


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