रनवे पर ट्रायल के खड़ा विमान | पाठकराज
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ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) अपने पहले चरण की तैयारियों को पूरा करते हुए जल्द ही उड़ान भरने को तैयार है। 1334 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस एयरपोर्ट का पहला रनवे और टर्मिनल बिल्डिंग पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है। यह एयरपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में शामिल है और देश के एविएशन इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नई दिशा देने जा रहा है।
एयरपोर्ट की शुरुआत के साथ ही दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे देश से यात्री यहां से जुड़ सकेंगे। साथ ही इसे एक वैश्विक एविएशन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में सीधी उड़ानों की सुविधा उपलब्ध होगी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भविष्य में कुल छह रनवे और छह टर्मिनल बिल्डिंग्स से लैस किया जाएगा। इससे इसकी सालाना यात्री संभालने की क्षमता 22.5 करोड़ तक पहुंच जाएगी।
मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी का केंद्र बनेगा एयरपोर्ट
एयरपोर्ट को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। जयपुर से सड़क मार्ग के जरिए इसकी दूरी मात्र 2 घंटे 21 मिनट में तय की जा सकेगी। यीडा और केंद्र सरकार मिलकर इसे मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बना रहे हैं। इसमें रैपिड रेल, नोएडा मेट्रो का विस्तार और पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (PRT) की व्यवस्था शामिल है। साथ ही भारतीय रेलवे से भी इसका सीधा कनेक्शन बनाया जा रहा है।
आदर्श बना भूमि अधिग्रहण मॉडल
एयरपोर्ट के निर्माण के लिए यमुना प्राधिकरण ने कुल 6000 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की है। खास बात यह रही कि यह अधिग्रहण पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा—ना कोई कोर्ट केस और ना ही किसान विरोध। इससे यह देशभर में एक आदर्श भूमि अधिग्रहण मॉडल के रूप में सामने आया है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. एवं यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि यह परियोजना देश के लॉजिस्टिक्स, पर्यटन और निवेश क्षेत्रों को नई गति देने का काम करेगी।