ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के संचालन और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट के 20 किलोमीटर के दायरे में ऊंचा निर्माण अब बिना अनुमति नहीं किया जा सकेगा। इस संबंध में यमुना प्राधिकरण (YEIDA) द्वारा कड़े दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और डीएम मनीष वर्मा के निर्देश पर प्रभावित गांवों में मुनादी की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी।
एयरपोर्ट सुरक्षा हेतु प्रतिबंध क्यों जरूरी?
एयरपोर्ट की सीईओ किरन जैन ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक नियामक औपचारिकता नहीं, बल्कि उड़ान संचालन और नेविगेशन सिस्टम की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। यह प्रतिबंध नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2015 में बनाए गए “विमान संचालन की सुरक्षा हेतु ऊंचाई प्रतिबंध” नियम के अंतर्गत आता है।
प्रभावित क्षेत्र और निर्देश
एयरपोर्ट के 20 किमी के दायरे में कोई भी नया निर्माण — विशेषकर ढाई मंजिल (लगभग 10 मीटर) से ऊंचा — बिना यमुना प्राधिकरण की पूर्व अनुमति के नहीं किया जा सकेगा। अवैध निर्माण की स्थिति में प्राधिकरण तत्काल तोड़फोड़ की कार्रवाई करेगा। यह नियम यीडा के सभी सेक्टरों और दायरे में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों पर भी समान रूप से लागू होगा।
मुनादी और जनजागरूकता अभियान
प्रशासन और प्राधिकरण मिलकर प्रभावित गांवों में लाउडस्पीकर और नोटिस बोर्ड के माध्यम से मुनादी कराएंगे। मुनादी में ग्रामीणों को सूचित किया जाएगा कि बिना अनुमति कोई निर्माण न करें।प्राधिकरण से नक्शा पास कराना अनिवार्य है। अवैध बिल्डर फ्लोर निर्माण दंडनीय होगा, निर्माण करने से पहले ऊंचाई मानकों की जांच करवाएं।
नक्शा पास कराने में जरूरी होगी एनओसी
अब एयरपोर्ट के 20 किमी के दायरे में कोई भी निर्माण का नक्शा स्वीकृत कराने से पहले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की अनापत्ति (NOC) भी जरूरी होगी। यह अनापत्ति नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तय "ओब्स्टेकल लिमिटेशन सरफेस" मापदंडों के अनुसार दी जाएगी।