नोएडा। नोएडा में बच्चों की सेहत पर स्ट्रीट फूड और दूषित पानी ने बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआई (PGI) की रिपोर्ट के अनुसार, हर दिन ओपीडी में 80–90 बच्चे पेट संबंधी बीमारियों के साथ पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही रोकथाम के उपाय नहीं किए गए, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
एक साल में 20 हजार से ज्यादा बीमार बच्चे
PGI के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक वर्ष में 20,000 से अधिक बच्चे स्ट्रीट फूड, दूषित पानी और खराब स्वच्छता के कारण पेट की गंभीर समस्याओं के साथ अस्पताल पहुंचे हैं। विशेष रूप से हेपेटाइटिस-ए, गैस्ट्रोएन्टराइटिस, डायरिया और फूड पॉयजनिंग जैसी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़े हैं।
खतरे की जड़: स्ट्रीट फूड कल्चर और साफ पानी की कमी
विशेषज्ञों का मानना है कि स्कूलों और मार्केट्स के पास मिलने वाला सस्ता लेकिन अस्वच्छ स्ट्रीट फूड, बच्चों की सेहत पर गंभीर असर डाल रहा है। अधिकतर बच्चे स्कूल टाइम या लौटते समय गोलगप्पे, चाट, समोसे, मोमोज आदि खाते हैं, जो खुले में बनाए जाते हैं और दूषित पानी से परोसे जाते हैं। डॉ. अमित चौधरी (गैस्ट्रो विशेषज्ञ, चाइल्ड PGI) के अनुसार "बच्चों में पेट दर्द, उल्टी-दस्त, बुखार और जॉन्डिस के केस लगातार बढ़ रहे हैं। अधिकांश मामलों में यह दूषित खाना और पानी से जुड़ा होता है।"
हेपेटाइटिस-A के मामलों में तेज वृद्धि
हालिया महीनों में हेपेटाइटिस-A जैसी संक्रमणकारी बीमारी के अत्यधिक मामले सामने आए हैं। यह बीमारी खासकर गंदे पानी और खाने के जरिए बच्चों को प्रभावित कर रही है। डॉक्टरों का कहना है कि यह संक्रमण अगर समय रहते न पकड़ा जाए, तो यह लीवर को स्थायी नुकसान भी पहुंचा सकता है। बच्चों की बढ़ती बीमारी ने अभिभावकों को चिंता में डाल दिया है। कई माता-पिता ने शिकायत की है कि स्कूलों में स्वच्छ पानी और भोजन की पर्याप्त निगरानी नहीं की जाती। साथ ही, स्कूलों के बाहर बेधड़क लगने वाले फूड स्टॉल्स और ठेलों पर प्रशासन की लापरवाही भी उजागर हुई है।