ग्रेटर नोएडा। शारदा यूनिवर्सिटी में BDS द्वितीय वर्ष की छात्रा ज्योति शर्मा की आत्महत्या के मामले में कार्रवाई तेज हो गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक कुल 6 प्रोफेसरों को निलंबित कर दिया है। इसमें डेंटल साइंसेज़ विभाग के डीन प्रो. (डॉ.) एम. सिद्धार्थ, विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष चौधरी, प्रोफेसर डॉ. अनुराग अवस्थी, सहायक प्रोफेसर डॉ. सुरभि, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. महेंद्र सिंह चौहान, और डॉ. शैरी वशिष्ठ शामिल हैं।
क्या है मामला?
18 जुलाई को बीडीएस की छात्रा ज्योति शर्मा ने हॉस्टल में आत्महत्या कर ली थी। छात्रा के पिता रमेश जांगड़ा की शिकायत पर कोतवाली में केस दर्ज किया गया। आरोप है कि शिक्षकों द्वारा मानसिक प्रताड़ना और अपमान के चलते छात्रा ने यह कदम उठाया। पुलिस ने दो प्रोफेसरों डॉ. शैरी वशिष्ठ और डॉ. महेंद्र सिंह चौहान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
विश्वविद्यालय का जवाब
जनसंपर्क निदेशक डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि आंतरिक जांच में जिन फैकल्टी सदस्यों की भूमिका संदिग्ध पाई गई, उन्हें निलंबित कर दिया गया है। सोमवार को विश्वविद्यालय की जांच समिति ने संबंधित शिक्षकों, छात्रों, वार्डन और सुरक्षा कर्मियों के बयान दर्ज किए। प्रबंधन ने पुलिस अधिकारियों से पांच दिन का समय जांच रिपोर्ट देने के लिए मांगा था, जो बुधवार को पूरा हो रहा है। सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट तैयार हो चुकी है, जिसे बुधवार तक पुलिस को सौंपा जाएगा।
विभाग सील, परीक्षाएं स्थगित
पुलिस ने एहतियातन बीडीएस विभाग को सील कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक विभाग को खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। घटना के बाद मंगलवार को विश्वविद्यालय में होने वाली परीक्षाएं और कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। प्रबंधन ने घोषणा की है कि 23 जुलाई से कक्षाएं और परीक्षाएं पुनः शुरू की जाएंगी।
छात्रा की शिकायत और जांच की दिशा
छात्रा के पिता की शिकायत के मुताबिक, उपरोक्त सभी प्रोफेसरों ने बार-बार ज्योति को अपमानित किया और उसका मनोबल गिराया। इस वजह से वह तनाव में थी और अंततः उसने आत्महत्या कर ली। पुलिस के साथ-साथ विश्वविद्यालय की आंतरिक समिति भी जांच कर रही है। परिसर के बाहर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।