Friday, July 25, 2025 11:41:25 PM

ऑनलाइन ड्रग रैकेट का भंडाफोड़
शिलांग से ग्रेटर नोएडा के छात्रों को ऑनलाइन गांजा सप्लाई का खुलासा

ग्रेटर नोएडा पुलिस ने एक ऑनलाइन ड्रग रैकेट का पर्दाफाश किया, जिसमें छात्रों को गांजा सप्लाई किया जा रहा था। दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

शिलांग से ग्रेटर नोएडा के छात्रों को ऑनलाइन गांजा सप्लाई का खुलासा
शिलांग से ग्रेटर नोएडा के छात्रों को ऑनलाइन गांजा सप्लाई करनेवाले हिरासत में | पाठकराज
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ग्रेटर नोएडा, 24 जुलाई 2025 – ईकोटेक-3 थाना पुलिस ने नशा तस्करी के एक अंतरराज्यीय ऑनलाइन गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए मेघालय के शिलांग से गांजा की आपूर्ति करने वाले दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि वे कोरियर पार्सल और यूपीआई भुगतान के माध्यम से छात्रों को गांजा पहुंचा रहे थे।

 

शिलांग से पार्सल, नोएडा में फुटकर बिक्री

पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी विशाल कुमार और विशाल सैन, दोनों शिलांग निवासी हैं, जो गांजा पैक कर पार्सल के जरिए ग्रेटर नोएडा भेजते थे। यहां उनका संपर्क शिवम नामक व्यक्ति से था, जो यूपीआई से भुगतान करता और गांजे को छात्रों में फुटकर में बेचता था।

 

पिछली कार्रवाई से मिला सुराग

इस नेटवर्क का सुराग तब मिला जब 15 जुलाई को थाना ईकोटेक-3 पुलिस ने 41.330 किलोग्राम गांजा के साथ 6 तस्करों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया कि गांजा की आपूर्ति मेघालय से हो रही थी। तभी से पुलिस ने इस नेटवर्क के स्त्रोत तक पहुंचने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और मैनुअल इंटेलिजेंस का सहारा लिया।

 

साइबर पेमेंट और चैटिंग बने अहम सबूत

पुलिस ने दोनों आरोपियों के कब्जे से चैटिंग डेटा और डिजिटल भुगतान के साक्ष्य बरामद किए हैं, जिसमें ग्रेटर नोएडा में गांजा सप्लाई की योजना और वितरण नेटवर्क की जानकारी दर्ज है। ये सबूत एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे को अदालत में मजबूत बनाने में मदद करेंगे।

थाना प्रभारी, ईकोटेक-3 का कहना है:
“यह गिरोह टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग कर रहा था। पार्सल सेवा और यूपीआई के जरिए गांजा आपूर्ति कर छात्रों को निशाना बना रहा था। मामले में आगे की जांच जारी है और जल्द अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है।”

 

छात्रों को बना रहे थे नशे का शिकार

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि यह गिरोह मुख्य रूप से युवाओं और छात्रों को निशाना बना रहा था, जिससे उन्हें नशे की लत लगाई जा सके और लगातार बिक्री हो। यह गिरोह आधुनिक संसाधनों और डिजिटल भुगतान तंत्र के जरिए अपनी पहचान छिपाने की कोशिश कर रहा था। इस कार्रवाई के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा में चल रहे अन्य ऑनलाइन ड्रग रैकेट की जांच भी तेज कर दी गई है। पुलिस अब कोरियर कंपनियों, ऑनलाइन पेमेंट रिकॉर्ड और साइबर ट्रेसिंग के माध्यम से पूरे नेटवर्क की पड़ताल कर रही है।


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