Monday, August 04, 2025 06:09:15 PM

बड़ा साइबर धोखाधड़ी मामला
पूर्व कर्मचारी ने कंपनी का जीएसटी पोर्टल हैक कर बनाई 10 करोड़ की फर्जी इनवॉइस, 1.80 करोड़ के निजी लाभ की कोशिश

नोएडा की एक प्रतिष्ठित कंपनी में पूर्व कर्मचारी ने जीएसटी पोर्टल की आईडी हैक कर लगभग 10 करोड़ रुपये की फर्जी इनवॉइस बनाई और 1.80 करोड़ रुपये का टैक्स क्रेडिट हड़पने की कोशिश की।

पूर्व कर्मचारी ने कंपनी का जीएसटी पोर्टल हैक कर बनाई 10 करोड़ की फर्जी इनवॉइस 180 करोड़ के निजी लाभ की कोशिश
सांकेतिक तस्वीर | पाठकराज
पाठकराज

नोएडा। शहर की एक प्रतिष्ठित निजी कंपनी के साथ बड़ा साइबर और वित्तीय धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें कंपनी के पूर्व कर्मचारी ने जीएसटी पोर्टल की आईडी और पासवर्ड हैक कर लगभग 10 करोड़ रुपये की फर्जी इनवॉइस तैयार की। आरोपी ने इस जालसाजी के जरिए 1.80 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट हड़पने की योजना बनाई थी।

कंपनी को इस फर्जीवाड़े की भनक तब लगी, जब जीएसटी पोर्टल पर अचानक 1.80 करोड़ की बकाया देनदारी दिखाई देने लगी। जब आंतरिक जांच शुरू की गई, तो पूरा मामला सामने आया, जिससे कंपनी और टैक्स विभाग दोनों सकते में आ गए। कंपनी प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि जीएसटी पोर्टल पर दिख रही इनवॉइस पूरी तरह से कूटरचित और काल्पनिक है। कंपनी ने न तो संबंधित वस्तुएं खरीदी हैं और न ही बेची हैं।

 

आरोपी की पहचान और कार्यशैली

जांच में सामने आया है कि यह सारा खेल पूर्व कर्मचारी अभिवन त्यागी ने अंजाम दिया। उसने कंपनी में रहते हुए जीएसटी पोर्टल की संवेदनशील जानकारी चुराई और कंपनी का विश्वास तोड़ते हुए लॉगिन कर फर्जी इनवॉइस जनरेट की। इस काम को अंजाम देने के बाद आरोपी ने चुपचाप इस्तीफा देकर कंपनी छोड़ दी और फरार हो गया। अब पुलिस को शक है कि इस फर्जीवाड़े के पीछे कोई संगठित गिरोह या अन्य साझेदार भी शामिल हो सकते हैं।

 

पुलिस व टैक्स विभाग में हड़कंप

मामले की गंभीरता को देखते हुए कंपनी ने तत्काल साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज कराया, जिसके बाद जांच शुरू कर दी गई है। नोएडा पुलिस और साइबर विशेषज्ञ अब आरोपी की तलाश में जुटे हुए हैं। टैक्स विभाग ने भी कंपनी से जवाब-तलब करना शुरू कर दिया है, जिससे कंपनी पर अर्थिक और कानूनी दबाव भी बढ़ गया है।

 

सुनियोजित साजिश का शक

पुलिस जांच में यह संभावना भी जताई जा रही है कि इस पूरे षड्यंत्र की योजना पहले से बनाई गई थी। आरोपी ने करीब 10 दिन तक प्लानिंग कर न केवल सिस्टम को एक्सेस किया बल्कि फर्जी दस्तावेज तैयार कर समय से पहले इस्तीफा देकर फरार हो गया। आरोपी की लोकेशन ट्रैक की जा रही है और आईपी ऐक्सेस से जुड़े डिवाइसों की जांच की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। जरूरत पड़ने पर अन्य विभागों से तकनीकी मदद भी ली जाएगी।


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