डूब क्षेत्र में बने मकान | पाठकराज
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ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) ने शहर के अधिसूचित क्षेत्रों में बढ़ती अवैध कॉलोनियों और गैरकानूनी प्लॉटिंग के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। प्राधिकरण ने सहायक महानिरीक्षक (निबंधन) को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि बिना स्वीकृति की गई प्लॉटिंग और निर्माण की रजिस्ट्री तथा बैनामा पर तत्काल रोक लगाई जाए।
200 से अधिक गांवों में अवैध गतिविधियां
GNIDA के महाप्रबंधक एके सिंह द्वारा भेजे गए पत्र में बताया गया है कि दादरी और सदर क्षेत्र में 200 से अधिक गांव अधिसूचित क्षेत्र में आते हैं, जहां फेज़-1 और फेज़-2 के अंतर्गत औद्योगिक, आवासीय व संस्थागत विकास योजनाएं प्रस्तावित हैं। हालांकि इन क्षेत्रों में अवैध प्लॉटिंग और विला निर्माण के कारण प्राधिकरण की योजनाओं पर असर पड़ रहा है और शहर का सुनियोजित विकास बाधित हो रहा है।
पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में किसी भी प्रकार के निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है, फिर भी कुछ गांवों में खुलेआम प्लॉटिंग और निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। GNIDA ने इसे आम नागरिकों के साथ धोखाधड़ी और पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करार दिया है।
कानूनी चेतावनी: कृषि भूमि पर प्लॉटिंग अपराध
प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम, 1976 की धारा 9 और 10 का हवाला देते हुए कहा है कि किसी भी अधिसूचित भूमि पर विकास कार्य GNIDA की स्वीकृति के बिना अवैध है। इसके बावजूद कुछ लोग कृषि भूमि को छोटे भूखंडों में काटकर बेच रहे हैं, जो कि कानूनी अपराध है। इस प्रकार की जमीनों पर की गई रजिस्ट्री, बैनामा और निर्माण कार्य अमान्य माने जाएंगे।
GNIDA ने आमजन से अपील की है कि किसी भी भूखंड की खरीद से पहले उसकी वैधता जांच लें। ज़मीन मास्टर प्लान और प्राधिकरण की स्वीकृति के अनुरूप है या नहीं, यह सुनिश्चित करें। किसी भी संदेह की स्थिति में GNIDA कार्यालय या आधिकारिक पोर्टल पर संपर्क करें। GNIDA की यह सख्ती ग्रेटर नोएडा को अवैध कॉलोनियों के मकड़जाल से मुक्त कर, एक सुनियोजित, स्वच्छ और विकसित शहर के रूप में उभारने की दिशा में बड़ा कदम है। इससे न केवल शहरी विकास को बल मिलेगा, बल्कि आम नागरिकों को भू-माफियाओं और दलालों से बचाव भी मिलेगा।