ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले में 13 सितंबर 2025 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। यह लोक अदालत जिला मुख्यालय सूरजपुर स्थित जिला न्यायालय सहित तहसील स्तर पर भी आयोजित होगी। इस अवसर पर वर्षों से लंबित पड़े मामलों को सुलह-समझौते और आपसी सहमति से निपटाया जाएगा।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर लगने वाली लोक अदालत में एमवी एक्ट के ई-चालान, पारिवारिक विवाद, मोटरयान दुर्घटना अधिनियम, बिजली-पानी के बिल, भू-राजस्व वाद, सेवा संबंधी विवाद और धारा 138 एनआई एक्ट (चेक बाउंस) जैसे मामले निपटाए जाएंगे। इसके अलावा बैंक ऋण मामलों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
ट्रैफिक चालान वालों के लिए खास मौका
जिन लोगों के ऊपर पुराने लंबित ट्रैफिक चालान हैं, उनके लिए लोक अदालत बेहतरीन अवसर है। यहां लोग बिना लंबी कानूनी प्रक्रिया में फंसे चालानों का निपटारा कर सकते हैं। अक्सर लोक अदालत में जुर्माने की राशि आधी या उससे भी कम कर दी जाती है।
जरूरी दस्तावेज साथ लाना न भूलें
लोक अदालत में ट्रैफिक चालान या अन्य मामले निपटाने के लिए लोगों को कुछ आवश्यक दस्तावेज साथ लाने होंगे:
चालान की कॉपी (जिसमें चालान नंबर, गाड़ी नंबर और तारीख साफ अंकित हो)
गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी)
ड्राइविंग लाइसेंस
पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट या वोटर आईडी)
कोर्ट नोटिस या समय संबंधित कॉपी (यदि जारी हुआ हो)
अधिकृत पत्र (यदि वाहन मालिक स्वयं न आकर किसी और को भेज रहा है)
आंशिक रूप से किए गए भुगतान की रसीद (यदि कोई है)
कोई कोर्ट फीस नहीं, फैसले बाध्यकारी
राष्ट्रीय लोक अदालत की खासियत यह है कि यहां पर कोई न्यायालय शुल्क नहीं लगता। यदि पहले ही न्यायालय शुल्क जमा किया गया है तो निस्तारण के बाद राशि वापस कर दी जाती है। लोक अदालत के फैसलों को दीवानी अदालत की डिक्री का दर्जा प्राप्त होता है और यह बाध्यकारी होते हैं। इन फैसलों के खिलाफ अपील नहीं की जा सकती। लोक अदालत को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। बैंकों और विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे चिन्हित मामलों की जानकारी पक्षकारों तक पहुंचाएं और बैनर-पोस्टर आदि के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार करें।